Saturday, July 28, 2018

राजमहल की हिंदी कहानी

STORY WITH MORAL IN HINDI

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हीरे का व्यापारी

story with moral in hindi, hindi story, एक गांव में एक हीरे का व्यापारी रहता था वह व्यापारी हीरे को बहुत अच्छी तरह से पहचान सकता था और उसका मोल भाव भी बहुत अच्छी तरह करता था सभी लोग उस व्यापारी के पास आया करते थे और तरह-तरह के अपने गहने बनवाया करते थे.


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व्यापारी अपने दिमाग से भी बहुत तेज था  वह किसी भी हीरे को बड़ी आसानी से पहचान सकता था क्योंकि हीरे को पहचाना लगभग  लोगों के लिए नामुमकिन काम है लेकिन वह यह काम को बड़ी आसानी से पहचान कर उसकी कीमत को बता दिया करता था


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एक दिन हीरे के व्यापारी  की तबीयत अचानक खराब हो गई है और वह अपनी पत्नी से बोलने लगा कि शायद मेरा अभी अंतिम समय आ गया है तुम ऐसा करना है कि अपने खर्चे के लिए इन हीरो में से बेचकर कुछ रुपया ले लेना जिससे तुम्हारा अपना घर  चल जाए और

 इस प्रकार व्यापारी एक दिन इस दुनिया को छोड़ कर चला गया हीरे के व्यापारी की पत्नी को बिल्कुल भी ज्ञान नहीं था कि हीरे की कितनी कीमत हो सकती है फिर कुछ दिनों के बाद हीरे के व्यापारी के पत्नी बाजार में गई और उसे एक आदमी मिला

और उसने उससे पूछा कि इसकी कीमत मुझे कहां मिल सकती है तो वह आदमी  बताने लगा कि मुझे नहीं पता कि इस पत्थर की क्या कीमत हो सकती है जब काफी दिन बीत गए वह एक व्यापारी की पत्नी को घूमते घूमते काफी समय हो गया था


व्यापारी की पत्नी लोहे बनाने वाले के यहां चली गई और उसने कहा कि इसकी क्या कीमत दे सकते हो उसने कहा कि यह किसी भी काम का नहीं है यह तो सिर्फ एक पत्थर है इसे चाहे तो तुम फेंक दो लेकिन इसकी  कोई कीमत तुम्हें नहीं मिलेगी

व्यापारी की पत्नी थोड़ी उदास हुई उसे लगा कि अब क्या होगा हमारा क्योंकि उनके पति तो सिर्फ उनके लिए यही छोड़ गए थे और इस तरह कुछ दिन और बीतने के बाद वह एक सुनार के पास गई सुनार ने कहा कि इसकी तो बहुत ज्यादा कीमत है और मैं इसकी कीमत तुम्हें नहीं दे सकता क्योंकि हीरे बहुत ही अनमोल है

story with moral in hindi, hindi story, और इसकी कीमत देना लगभग नामुमकिन है फिर व्यापारी की पत्नी को समझ में आ गया कि उसके पति उसके पीछे करोड़ो की संपत्ति छोड़कर गए हैं यानी कि उन्हें किसी के आगे हाथ नहीं चलाना पड़ेगा.
written by vaibhav singh

FULL STORY IN HINDI

राजमहल की हिंदी कहानी (FULL STORY IN HINDI) आपको जरूर पसंद आएगी इस कहानी में आपको राजमहल में होने वाली घटनाओ के बारे में जानकारी प्राप्त होगी,

राजमहल की हिंदी कहानी : FULL STORY IN HINDI

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एक मुसाफिर अपना रास्ता भटक चुका था, मुसाफिर को कुछ पता नहीं चला था की उसका घोडा किस दिशा में जा रहा था क्योकि उसे अपने घोड़े पर बैठे हुए नींद आ चुकी थी जब उसकी आँखे खुली तो उसने देखा की घोडा पता नहीं कहा आ गया है यहां तो दूर तक फैला हुआ जंगल नज़र आ रहा है, इस रस्ते पर चलना बहुत मुश्किल था क्योकि जंगल से बहार निकल थोड़ा मुश्किल था लेकिन बहार तो जाना ही था,

मुसाफिर ने देखा की अब रात होने वाली है उसे अपने सोने का इंतजाम भी करना था और अपने आपको सुरक्षित भी करना था, यहां पर जंगली जानवर भी हो सकते है और उनसे बचना भी जरुरी था चारो और नज़र घूमने पर भी नज़र नहीं आ रहा था कोई ऐसी जगह मिल जाती तो बहुत अच्छा था थोड़ा आगे चलकर पता करना चाहिए, जब मुसाफिर आगे बढ़ा तो उसे एक गुफा नज़र आयी थी यह गुफा उसके लिए सुरक्षित हो सकती है अगर उसमे कोई जानवर न हो तो,

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मुसाफिर आगे बढ़ा और देखा की गुफा के अंदर तो कोई नहीं है लेकिन इससे पहले उसे यह भी खतरा था की अगर कोई शेर या भालू अंदर हुआ तो वह हमला कर सकता है, इसलिए उसने गुफा के अंदर एक पत्थर फेंका और देखा की कोई बहार आता है या नहीं या किसी जानवर की आवाज आती है या नहीं, लेकिन कुछ भी नहीं था ऐसा लग रहा था की कोई भी अंदर नहीं है उसने अपना घोडा उस गुफा में ले जाना ही ठीक समझा था, वह घोड़े सहित अंदर चला गया था और आग जलाई,

कुछ देर बाद ही बारिश की बुँदे भी आनी शरू हो गयी थी, बारिश हलके से शरूर होकर तेज होने लगी थी मुसाफिर को आज नींद नहीं आने वाली थी, उसने गुफा के द्वार पर बहुत सारे पत्थर लगा दिए थे जिससे कोई भी जानवर अंदर न आ जाए, बारिश के साथ तेज हवा से जंगल में बहुत डर लग रहा था जंगल देखने में बहुत खूबसूरत लगते है मगर ऐसा नहीं है जंगल की खामोशी ही सबको द्र सकती है बारिश की आवाज से भी जंगल में डर लगता है,     

मुसाफिर आज रात सो भी नहीं पा रहा था कल सुबह होते ही उसे यहां से निकलने का रास्ता खोजना होगा, यह सब इस घोड़े की वजह से हुआ है यह पता नहीं किस दिशा में ले गया था आज इसकी वजह से हम आज फंस चुके थे, पता नहीं कल किस तरफ जाए की सही रास्ता मिल जाए, बारिश हल्की नहीं हो रही थी, जंगल में बारिश हो ही जाती है यह वहा के वातावरण के अनुसार होता है, मुसाफिर सोने की कोशिश में था और उसे हलकी नींद भी आ गयी थी,

जब सुबह हुई तो सूरज निकल चुका था मौसम साफ़ नज़र आ रहा था, रात बीत चुकी थी अब मुसाफिर चलने को त्यार था कुछ मीठे फल खाकर आगे बढ़ने लगा और बहार जाने का रास्ता खोजने लगा था मगर कुछ भी नज़र नहीं आ रहा था पेड़ पर चढ़कर रस्ते को देखने के लिए सोच रहा था तभी जब पेड़ पर चढ़ा तो उसे रास्ता नज़र आया और उस तरफ वह आगे बढ़ने लगा था कुछ दुरी पर पहुंचा तो एक बहुत ही पुराना महल नज़र आया, यह कैसे हो सकता है की इस जगह पर एक महल हो, चलकर देखना चाहिए की इसमें क्या है,    

मुसाफिर अंदर जाता है महल को देखकर ऐसा लगता है की यहां पर कोई भी बहुत साल से आया नहीं है काफी जगहों से टुटा हुआ नज़र आ रहा था कुछ दीवारे भी नहीं थी लेकिन एक बात बहुत गौर करने की थी की दीवारों पर कुछ शीशे लगे हुए थे हो सकता है की यह शीशे किसी को बहुत पसंद होंगे कोई भी शिक्षा टुटा हुआ नहीं था जबकि ऐसा होना मुमकिन नहीं है जब सभी जगह पर टूट-फुट हुई है तो यहां पर शीशे कैसे बच गए है,

मुसाफिर आगे बढ़ा तो एक कमरा उसे नज़र आया था यह क्या है और इसमें क्या हो सकता है वह देखने के लिए गया और उस कमरे में भी शीशे लगे हुए थे, वह अपने आप को शीशे में देखने लगा तो एक शीशा बोला की तुम बहुत अच्छे इंसान हो और सबकी मदद करते हो, मुसाफिर को उस शीशे में से आवाज सुनाई दी, वह आवाज सुनकर डर गया था, मगर कोई दिखाई नहीं दिया था यहां पर  आवाज क्यों आ रही है तभी सभी शीशे बोलने लगे की आज बहुत साल के बाद कोई इंसान आया है

मुसाफिर यह आवाज सुनकर बहुत डर गया था उसे वहा से जाना था वह जाने लगा तो एक शीशा बोला की में यहां पर बहुत समय से कैद में हु मुझे यहां से ले चलो, मुझे बाकी शिशो ने यहां पर बंद कर दिया है, मुझे यहां से बचाओ मुसाफिर बोला की में तुम्हे क्या बचाऊ मुझे ही बचना चाहिए, वह उनसे बचने के लिए बहार की और भागा, और वह महल से बहार आ गया था

जब वह बहार आया तो मौसम बहुत खराब हो गया था कुछ भी नज़र नहीं आ रहा था चारो और काले बदल छा गए थे, ऐसा लगता था की रात हो गयी है और बरसिह बहुत तेज आने वाली है अब कोई भी रास्ता नज़र नहीं आ रहा था और मूसलाधार बारिश शुरू हो गयी थी मुसाफिर अंदर नहीं जाना चाहता था मगर कोई और रास्ता भी नहीं था, क्या करे उसे अंदर जाना ही पड़ा था मगर उसका डर अभी भी बरकरार था वह जनता था की अंदर कोई है जो उसे बुलाना चाहता है इसलिए वह अंदर नहीं गया था बल्कि बहार ही इंतज़ार कर रहा था  

तभी अंदर से आवाज आयी की मुसाफिर अंदर आ जाओ नहीं तो बारिश का पानी तुम्हे भीगा सकता है मुसाफिर उस आवाज से बहुत डर रहा था मुसाफिर के  मन  में यह बात थी की अगर वह भी अंदर गया तो उसे भी वह शीशा बंद कर देगा और इसी डर से वह बहार ही खड़ा रहा और बारिश का रुकने के लिए इंतज़ार करने लगा था लेकिन बारिश अभी कहा रुकने वाली थी
Written by vaibhav singh

राजा और चोर की कहानी

HINDI STORY

राजा और चोर की कहानी 

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hindi story, ये कहानी है एक शातिर चोर की, ये चोर बहुत ही चुतर था. कहते है की इस चोर जैसा कोई चोर नहीं था, बात बहुत ही पुराने जमाने की है, ये चोर जब भी चोरी करता था तो लोगो कभी पता नहीं चला. लोगो को इस बात का डर था की कही ये चोर हमारे यहाँ चोरी न कर दे, चोर ने सोचा की गाव में तो बहुत चोरी कर ली अब क्यों न राजधानी में चोरी की जाए, क्योकि अगर राजधानी में चोरी नहीं करेगा तो उसे कोण जान पायेगा और उसकी वाह-वही कैसे होगी, यही सोचकर अब उसने राजधानी में चोरी करने की योजना बनाई,



पहले ये चोर राजधानी में गया और पुरे नगर का चक्कर लगाया, और तय किया की चोरी की शुरुवात राजा के महल से की जाए, पर जब महल का चोर ने जायजा लिया तो देखा की महल के चारो और तो सिपाही का घेरा है और बिना नज़र बचाये कोई भी अंदर नहीं जा सकता, राजा के महल में एक घडी लगी थी, जोकि हर घंटे पर आवाज करती थी,


अब चोर ने सोचा की अगर चोरी नहीं की तो उसे कोण जान पायेगा और वह चर्चित कैसे होगा और चोर रातभर यही सोचता रहा की कैसे चोरी की जाए, पूरी रात भर सोचने पर चोर को एक योजना बना कर काम करना होगा यही सोचा की, की उसके दिमाग में एक बात आयी की दिवार पर एक घडी लगी है जिसका उपयोग किया जा सकता है, तो चोर ने यही सोचा की, हां ऐसा किया जा सकता है,

जब रात हुई तो चोर चोरी करने के लिए गया और दिवार घडी ने रात के बारह बजे घंटे के साथ आवाज दी और उसी वक़्त चोर ने कीले की दिवार में कीले ठोक दी, और हर घंटे पर चोर कीलों को ठोकता चला गया और साथ ही किले की दिवार पर चढ़ता चला गया, महल में दाखिल होने के बाद वह जहाँ पर खजाना रखा हुआ था वह पर पहुच गया और उनमे से हीरो को चुरा लिया और चोरी को करने के बाद वह चोर वह से भाग गया, 
  
जब सुबह हुई तो राजा ने देखा की उसके खजाने में से हीरे घ्याब थे और राजा ने ये देख कर बड़ा ही नाराज हुआ की इतना पहरा होने के बाद भी चोरी हो गयी, राजा ने अपने मंत्री को बुलाया और इस बात की खबर दी और अपनी नाराजगी जताई की हमारे महल में जब चोरी हो सकती है तो आम आदमी का क्या हाल होगा और ये बात अगर नगर में फेल गयी तो जनता का राजा के पार्टी क्या विस्वास रह जायेगा,

इस पर राजा ने मंत्री को आदेश दिया की अगर कोई भी व्यक्ति रात के समय दिखाई दे तो उसे पकड़कर राजा के पास लाया जाए और सिपाही की संख्या भी दुन्गनी कर दी जाए और सारे राज्य पर पूरी नज़र राखी जाए,

अब ये बात चोर को भी पता चल गयी की अब पहरा और सख्त कर दिया गया है और चोर की तलाश की जा रही है, इस बात पर चोर ने एक योजना बनाई और साधू का रूप बना कर वो चोर हर सिपाही की पत्नी के पास गया और बोला की अगर उसका पति चोर को पकड़ लेगा तो राजा उसके पति को इनाम देंगे और उसका पद भी बढ़ा देंगे इस पर सिपाही की पत्नी ने कहा की इसके लिए क्या करना होगा महराज जी, चोर ने कहा की जब चोर आएगा. 

तो तुम एक कटोरे में तैल गर्म करके तैयार रखना और चोर पर दाल देना इस तरह चोर पकड़ा जायेगा, अब यही बात चोर ने उन सिपाही की हर पत्नी को बता दी जिनके सिपाही आज रात को घस्त पर निकले थे, अब सबकी पत्नी चोर का इंतज़ार करने लगी की जैसे ही चोर आएगा वो उसे पकड़ लेंगी इस बात की खबर किसी भी सिपाही को न थी, सिपाही अब इंतज़ार करते हुए सुबह के चार बज गए थे और अब सिपाही सोच रहे रहे थे की अब चोर नहीं आएगा और यही सोचकर सारे सिपाही घर की तरफ चल दिए उधर चोर का इंतज़ार कर रही उनकी पत्नी भी तैयार थी की जब भी चोर आएगा वो उसे पकड़ लेगी,

जैसे ही सभी सिपाही आये तो उनकी पत्नी ने सभी पर गर्म तैल दाल दिया इस प्रकार उन्होंने अपने पति को चोर समझकर पकड़ लिया और जब पता चला की वो सब उमके पति है तो उन्हें बढ़ा दुःख हुआ और सभी सिपाहियों को इलाज के लिए ले जाया गया,

यह बात सुनकर राजा भी बहुत परेशान हुआ की उसके राज्य में ये सब क्या हो रहा है, इस बात का पता लगाने के लिए उसने कोतवाल को बुलाया और आदेश दिया की इस मामले की पूरी जाच की जाए और us चोर को जल्दी पकड़ा जाए
जब कोतवाल पुरे नगर में घूम रहा था तो एक गली से आवाज आयी की में चोर हू, इस पर कोतवाल ने कहा की तुम क्यों मजाक कर रहे हो और अगर ऐसा फिर किया तो में तुम्हे बंद कर दूंगा, इस पर चोर ने कहा की में ही वो चोर हू, कोतवाल ने कहा की में तुम्हे बंद कर रहा हू, इस पर चोर ने कहा की आप मुझे कहा बंद करंगे, उसने कहा की ये एक कमरा है में इसमे बंद करके बाहर से ताला लगा दूंगा,

इस पर चोर ने कहा की इस ताले को तो कोई भी खोल देगा, कोतवाल ने कहा की ये बहुत ही मजबूत है, इसे कोई नहीं खोल सकता, इस पर चोर ने कहा की तुम अंदर जाओ और में दिखाता हू की कैसे खोल सकता है कोई भी इस ताले को, कोतवाल को विस्वास था की ये तो वासे ही मजाक कर रहा है और जैसे ही कोतवाल अंदर गया तो चोर ने बाहर से ताला लगा दिया और बोला की मेने तो तुमसे कहा था की में वही चोर हू, पर तुम माने ही नहीं, और फिर चोर वह से चला गया. 

पूरी रात भर उस कमरे में बंद रहे कोतवाल बेहोश हो गए और जब सिपाही ने देखा तो उन्हें भी इलाज़ के लिए ले जाया गया, ये बात भी राजा को पता चली तो राजा बहुत ही परेशान हुआ और कहा की आज में खुद ही निगरानी करूँगा और देखता हू की चोर अब कैसे बचेगा, जा ये बात राजा ने कही तो चोर वही खड़ा ये सब सुन रहा था और उसने सोचा की, आज रात में साधु का रूप बना कर रहूँगा,

चोर साधू का रूप बना कर एक पेड़ के नीचे आग जला कर बैठ गया, जब राजा ने नगर का चक्कर लगया तो साधु को वह पर बैठा देखा और पूछा की आपने यह से किसी को जाते हुए देखा है, चोर ने कहा की वो तो बस अपने ध्यान में ही मगन है और यहा से कोई गुज़रा भी होगा तो उसे पता नहीं,
इस पर चोर ने कहा की आप ही क्यों न मेरे पास बैठ जाए और अगर यह से कोई गुज़रा भी होगा तो दिख जायेगा और आप उसे पकड़ लेंगे, ये बात सुनकर राजा के दिमाग में एक योजना आयी की क्यों न में ही साधू बनकर बैठ जायु और ये साधु मेरी जगह नगर का चक्कर लगा ले, राजा ने कहा की तुम नगर का चक्कर लगाओ और में तुम्हारी जगह बैठ जाता हू, बहुत ही देर बाद सोचने पर चोर राजी हो गया,

दोनों ने आपस में कपडे बदल लिए और चोर राजा के घोड़े पर बैठ कर महल की और चल दिया महल में पहुचने के बाद चोर राजा के बिस्तर पर गया और सो गया, उधर राजा इतनी ठण्ड में बैठा हुआ चोर का इंतज़ार कर रहा था, राजा को बहुत ही ठण्ड लग रही थी उधर चोर बड़े मजे से सो रहा था, बहुत देर हो गयी वो आदमी भी नहीं लोटा और चोर भी कही दिखाई दिया, राजा ने सोचा की अब तो सुबह के चार बजे है और लगता भी नहीं है की अब चोर आएगा यही सब सोचकर राजा ने अपने महल में जाने का निश्चय  किया, और महल की और चल दिया.

जैसे ही महल में राजा गुसने लगा तो सिपाहियों ने राजा को पकड़ लिया, राजा ने बहुत शोर मचाया पर उसकी कोई भी बात सिपाही ने नहीं सुनी और सुनते भी क्यों क्योकि उनकी नज़र में तो राजा पहले ही आ चुका है, राजा को पकड़र जेल में बंद कर दिया की जब राजा सो कर उठेंगे तो चोर का फैसला होगा. फेर दे रहे एक सिपाही ने राजा को पहचान लिया और राजा से माफ़ी मागने लगा की हमे माफ़ कर दो हमने आपको पहचाना नहीं और फिर राजा को छोड़ दिया गया उधर चोर ने देखा की सुबह हो गयी है चोर वह से राजा के कपड़ो में ही भाग गया.

राजा ने पूछा की सिपाही ने उन्हें क्यों पकड़ा था तो सिपाही ने बताया की आपकी पोषक में कोई राजा आपके बिस्तर पर लेता है, यहा सुनकर राजा ने जाच की तो पता चला की ये तो वही चोर है जिसे हम ढूढ रहे थे, अब राजा पूरी तरह से थक चुका था और उसकी समझ में आ गया की इस चोर को पकड़ना आसान नहीं है, इस बात का ऐलान किया गया की वो चोर अपने आप ही सामने आ जाये,

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written by vaibhav singh

आईने की हिंदी कहानी

STORIES IN HINDI

आईने की हिंदी कहानी

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एक बार एक जादूगर गांव में अपना खेल दिखाने की लिए आया हुआ था, जादूगर ने बहुत से खले दिखाए और सभी लोगो ने खेल का बहुत आनंद लिया जब जादूगर खेल दिखाकर वापिस जा रहा था, तभी उसके थैले में से एक आईना नीचे गिर गया था, जादूगर को इस बात का पता नहीं चला था,


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उसी गांव में एक लड़के रहता था, वह बहुत ही शैतानी करता था, सभी को परेशान करने में वह सबसे आगे रहता था, शायद उसे वह बहुत अच्छा लगता था, जब खेल रहा था तभी वह आईना उसे दिखा, वह आईने को उठकर देखने लगा था, लेकिन उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था, की यह आईना किसका है,

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वह उस आईने को लेकर अपने घर चला गया था, उसके परिवार वालो ने पूछा की यह आईना तुम्हे कहा से मिला है, उसने बताया की वह इसे दूसर से लेकर आया है, उस लड़के की पिता यह भी जानते थे की उसका लड़के बहुत शैतानी करता है वह यह सोच रहे थे की यह आईना किसका है, तभी उन्होंने ने वह आईना उठाया और सोचा की यह किसका हो सकता है, तभी आईने में जादूगर की शक्ल दिखाई दी, 

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अब वह आदमी समझ चुका था, की यह आईना जादूगर का है लेकिन यह आईना क्या कर सकता है यह भी वह सोच रहा था, आईने में देखकर उसने सोचा की बहुत सा धन कहा है तभी आईने में एक गुफा दिखाई दी, वह गुफा उस गांव से कुछ ही दूरी पर थी, वह आदमी उस गुफा की पास गया और आईने में देखा की धन कहा है,

उस आईने में दिखाई दिया की धन उस गुफा की बायीं और का  पत्थर हटाने अपर गुफा का की अंदर जाने का रास्ता मिल जाएगा, वह अंदर गया और देखा की यहां तो बहुत सारा धन छुपा है, वह सारा धन लेकर नहीं जा सकता था, इसलिए उसने थोड़ा धन उठाया और बाकी का धन वह कल ले जाएगा, यह सोचकर वह अपने घर आ गया था,  

अगले दिन उसने अपने साथ बेल गाड़ी ली और उस गुफा की और चल दिया था, वह अनहि जनता था की यह धन किसका है यह सारा धन उसी जादूगर का था, जिसका आईना वह प्रयोग कर रहा था, वह सारा धन लेने की लिए चला गया था, जैसे ही गुफा का दरवाजा खुला तो देखा की जादूगर अंदर ही था,

जादूगर ने उस आदमी को कैद कर लिया और अपना आईना उससे ले लिया था, इसलिए ड़सोतो कभी भी लालच   नहीं करना चाहिए, अगर वह लालच न करता तो कितना अच्छा होता लेकिन इंसान बहुत ही लालची हो जाता है जिसका परिणाम अच्छा नहीं होता है 
Written  by   Vaibhav singh

जादुई दरवाजा की कहानी


STORY IN HINDI

जादुई  दरवाजा की कहानी  

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story in hindi, hindi story, एक बार की बात है एक काफिला चला आ रहा था काफिला में लगभग पचास लोग रहे होंगे सभी लोग अपना थोड़ा सामान, खाने पीने की चीजे भी साथ लिए हुए थे जब यह काफिला रेगिस्तान में था तो बहुत ही तेज धूप पड़ रही थी


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इतनी तेज धूप में चलना बहुत ही मुश्किल हो रहा था सभी लोग छाए की तलाश कर रहे थे थोड़ी दूरी पर एक बहुत बड़ा पेड़ था सभी लोग उसी और चलने लगे जब सभी लोग वहा पर पहुंच गए तो आराम करने लगे आराम करते हुए उन्हें शाम हो गयी


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अब सभी लोग कहने लगे की अब हमे चलना चाहिए क्योकि बहुत ही जयादा दूरी हमे तय करनी है जैसे ही सब चलने को हुए तो देखा की एक पहाड़ी पर कुछ चमक रहा है शायद  कोई कांच का टुकड़ा या फिर कोई अन्य चीज कुछ समझ नहीं आ रहा था  

सभी लोग आपस में बाते करने लगे की पता नहीं वहा पर क्या है जो चमक रहा है सबने यह तय किया की पहले हमे वहा चलना चाहिए और देखना चाहिए वहा पर क्या है, सभी लोग उसी और धीरे-धीरे बढ़ने लगे जैसे ही पास आये तो एक गुफा दिखाई दी इस गुफा के अंदर बहुत ही अँधेरा था कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा बस गुफा के पास एक सीसा रखा हुआ था


यह वही सीसा था जो चमक रहा था अब सभी सोचने लगे की अंदर जाए या अपना रास्ता तय करे कुछ भी निर्णय नहीं लिया जा रहा था तभी एक आदमी की नज़र गुफा के पास पड़ी सोने के सिक्के पर पड़ी उसने कहा की देखो एक सोने का सिक्का इसका मतलब यह है की अंदर खजाना है अब ये खजाना हमारा होगा और किसी का नहीं.

सभी की आँखों में सिर्फ लालच आ रहा था उस काफिले में एक नौजवान जिसकी उम्र ज्यादा नहीं थी उसने कहा की हमे नहीं लगता है की अनादर जाना जाना ठीक होगा पता नहीं ये किसका खजाना है और हम इस खजाने को क्यों ले हमे अपने सफर की और आगे बढ़ना चाहिए

तुम चाहो तो ये सोने का सिक्का ले सकते हो पर किसी ने भी उसकी बात नहीं मानी और अंदर जाने का फैसला किया अंदर चुकी अँधेरा था इसलिए उन्होंने अपने साथ कई मशाल ले ली और अंदर जाने लगे

उस लड़के ने सोचा की जब सभी जा रहे है तो में भी चलकर देख लेता हु की अंदर क्या है सभी लोग अंदर की और बढ़ने लगे जैसे कुछ दूरी पर पहुंचे तो उन्हें अंदर तीन दरवाजे मिले और उन दरवाजो पर कुछ लिखा हुआ था किसी और को वह भाषा पढ़नी नहीं आती थी

पर वह लड़का पढ़ना जाता था उसने पढ़ा की ये दरवाजे तुम्हे खजाने की और ले जाएंगे क्योकि यह जादुई दरवाजे है इसलिए तुम्हे इस बात का ध्यान रखना होगा की सही दरवाजे का चयन करे नहीं तो मुसीबत आ सकती है यह बात उसने सभी को बताई पर सभी कहने लगे की ये हमे डरा रहा है खजाना इन दरवाजो में ही छिपा है 

जैसे ही वो लोग दरवाजे की और बढ़ने लगे तो लड़का वहा से भाग गया क्योकि कोई भी चीज आसानी से नहीं मिलती है लड़का बाहर आ कर खड़ा हो गया और बहुत तेज रौशनी बाहर की और आ गयी उसने देखा की एक तेज रौशनी अंदर से आयी और बंद हो गयी

लड़का डरते हुए अंदर गया और देखा की कोई भी वहा नहीं है सभी लोग गायब हो चुके थे और पड़ा था वो एक सोने का सिक्का लड़के ने वह सिक्का उठाया और अपने अगले सफर की और चल दिया

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Written by vaibhav singh

राजमहल की हिंदी कहानी

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