Saturday, July 28, 2018

राजा और चोर की कहानी

HINDI STORY

राजा और चोर की कहानी 

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hindi story, ये कहानी है एक शातिर चोर की, ये चोर बहुत ही चुतर था. कहते है की इस चोर जैसा कोई चोर नहीं था, बात बहुत ही पुराने जमाने की है, ये चोर जब भी चोरी करता था तो लोगो कभी पता नहीं चला. लोगो को इस बात का डर था की कही ये चोर हमारे यहाँ चोरी न कर दे, चोर ने सोचा की गाव में तो बहुत चोरी कर ली अब क्यों न राजधानी में चोरी की जाए, क्योकि अगर राजधानी में चोरी नहीं करेगा तो उसे कोण जान पायेगा और उसकी वाह-वही कैसे होगी, यही सोचकर अब उसने राजधानी में चोरी करने की योजना बनाई,



पहले ये चोर राजधानी में गया और पुरे नगर का चक्कर लगाया, और तय किया की चोरी की शुरुवात राजा के महल से की जाए, पर जब महल का चोर ने जायजा लिया तो देखा की महल के चारो और तो सिपाही का घेरा है और बिना नज़र बचाये कोई भी अंदर नहीं जा सकता, राजा के महल में एक घडी लगी थी, जोकि हर घंटे पर आवाज करती थी,


अब चोर ने सोचा की अगर चोरी नहीं की तो उसे कोण जान पायेगा और वह चर्चित कैसे होगा और चोर रातभर यही सोचता रहा की कैसे चोरी की जाए, पूरी रात भर सोचने पर चोर को एक योजना बना कर काम करना होगा यही सोचा की, की उसके दिमाग में एक बात आयी की दिवार पर एक घडी लगी है जिसका उपयोग किया जा सकता है, तो चोर ने यही सोचा की, हां ऐसा किया जा सकता है,

जब रात हुई तो चोर चोरी करने के लिए गया और दिवार घडी ने रात के बारह बजे घंटे के साथ आवाज दी और उसी वक़्त चोर ने कीले की दिवार में कीले ठोक दी, और हर घंटे पर चोर कीलों को ठोकता चला गया और साथ ही किले की दिवार पर चढ़ता चला गया, महल में दाखिल होने के बाद वह जहाँ पर खजाना रखा हुआ था वह पर पहुच गया और उनमे से हीरो को चुरा लिया और चोरी को करने के बाद वह चोर वह से भाग गया, 
  
जब सुबह हुई तो राजा ने देखा की उसके खजाने में से हीरे घ्याब थे और राजा ने ये देख कर बड़ा ही नाराज हुआ की इतना पहरा होने के बाद भी चोरी हो गयी, राजा ने अपने मंत्री को बुलाया और इस बात की खबर दी और अपनी नाराजगी जताई की हमारे महल में जब चोरी हो सकती है तो आम आदमी का क्या हाल होगा और ये बात अगर नगर में फेल गयी तो जनता का राजा के पार्टी क्या विस्वास रह जायेगा,

इस पर राजा ने मंत्री को आदेश दिया की अगर कोई भी व्यक्ति रात के समय दिखाई दे तो उसे पकड़कर राजा के पास लाया जाए और सिपाही की संख्या भी दुन्गनी कर दी जाए और सारे राज्य पर पूरी नज़र राखी जाए,

अब ये बात चोर को भी पता चल गयी की अब पहरा और सख्त कर दिया गया है और चोर की तलाश की जा रही है, इस बात पर चोर ने एक योजना बनाई और साधू का रूप बना कर वो चोर हर सिपाही की पत्नी के पास गया और बोला की अगर उसका पति चोर को पकड़ लेगा तो राजा उसके पति को इनाम देंगे और उसका पद भी बढ़ा देंगे इस पर सिपाही की पत्नी ने कहा की इसके लिए क्या करना होगा महराज जी, चोर ने कहा की जब चोर आएगा. 

तो तुम एक कटोरे में तैल गर्म करके तैयार रखना और चोर पर दाल देना इस तरह चोर पकड़ा जायेगा, अब यही बात चोर ने उन सिपाही की हर पत्नी को बता दी जिनके सिपाही आज रात को घस्त पर निकले थे, अब सबकी पत्नी चोर का इंतज़ार करने लगी की जैसे ही चोर आएगा वो उसे पकड़ लेंगी इस बात की खबर किसी भी सिपाही को न थी, सिपाही अब इंतज़ार करते हुए सुबह के चार बज गए थे और अब सिपाही सोच रहे रहे थे की अब चोर नहीं आएगा और यही सोचकर सारे सिपाही घर की तरफ चल दिए उधर चोर का इंतज़ार कर रही उनकी पत्नी भी तैयार थी की जब भी चोर आएगा वो उसे पकड़ लेगी,

जैसे ही सभी सिपाही आये तो उनकी पत्नी ने सभी पर गर्म तैल दाल दिया इस प्रकार उन्होंने अपने पति को चोर समझकर पकड़ लिया और जब पता चला की वो सब उमके पति है तो उन्हें बढ़ा दुःख हुआ और सभी सिपाहियों को इलाज के लिए ले जाया गया,

यह बात सुनकर राजा भी बहुत परेशान हुआ की उसके राज्य में ये सब क्या हो रहा है, इस बात का पता लगाने के लिए उसने कोतवाल को बुलाया और आदेश दिया की इस मामले की पूरी जाच की जाए और us चोर को जल्दी पकड़ा जाए
जब कोतवाल पुरे नगर में घूम रहा था तो एक गली से आवाज आयी की में चोर हू, इस पर कोतवाल ने कहा की तुम क्यों मजाक कर रहे हो और अगर ऐसा फिर किया तो में तुम्हे बंद कर दूंगा, इस पर चोर ने कहा की में ही वो चोर हू, कोतवाल ने कहा की में तुम्हे बंद कर रहा हू, इस पर चोर ने कहा की आप मुझे कहा बंद करंगे, उसने कहा की ये एक कमरा है में इसमे बंद करके बाहर से ताला लगा दूंगा,

इस पर चोर ने कहा की इस ताले को तो कोई भी खोल देगा, कोतवाल ने कहा की ये बहुत ही मजबूत है, इसे कोई नहीं खोल सकता, इस पर चोर ने कहा की तुम अंदर जाओ और में दिखाता हू की कैसे खोल सकता है कोई भी इस ताले को, कोतवाल को विस्वास था की ये तो वासे ही मजाक कर रहा है और जैसे ही कोतवाल अंदर गया तो चोर ने बाहर से ताला लगा दिया और बोला की मेने तो तुमसे कहा था की में वही चोर हू, पर तुम माने ही नहीं, और फिर चोर वह से चला गया. 

पूरी रात भर उस कमरे में बंद रहे कोतवाल बेहोश हो गए और जब सिपाही ने देखा तो उन्हें भी इलाज़ के लिए ले जाया गया, ये बात भी राजा को पता चली तो राजा बहुत ही परेशान हुआ और कहा की आज में खुद ही निगरानी करूँगा और देखता हू की चोर अब कैसे बचेगा, जा ये बात राजा ने कही तो चोर वही खड़ा ये सब सुन रहा था और उसने सोचा की, आज रात में साधु का रूप बना कर रहूँगा,

चोर साधू का रूप बना कर एक पेड़ के नीचे आग जला कर बैठ गया, जब राजा ने नगर का चक्कर लगया तो साधु को वह पर बैठा देखा और पूछा की आपने यह से किसी को जाते हुए देखा है, चोर ने कहा की वो तो बस अपने ध्यान में ही मगन है और यहा से कोई गुज़रा भी होगा तो उसे पता नहीं,
इस पर चोर ने कहा की आप ही क्यों न मेरे पास बैठ जाए और अगर यह से कोई गुज़रा भी होगा तो दिख जायेगा और आप उसे पकड़ लेंगे, ये बात सुनकर राजा के दिमाग में एक योजना आयी की क्यों न में ही साधू बनकर बैठ जायु और ये साधु मेरी जगह नगर का चक्कर लगा ले, राजा ने कहा की तुम नगर का चक्कर लगाओ और में तुम्हारी जगह बैठ जाता हू, बहुत ही देर बाद सोचने पर चोर राजी हो गया,

दोनों ने आपस में कपडे बदल लिए और चोर राजा के घोड़े पर बैठ कर महल की और चल दिया महल में पहुचने के बाद चोर राजा के बिस्तर पर गया और सो गया, उधर राजा इतनी ठण्ड में बैठा हुआ चोर का इंतज़ार कर रहा था, राजा को बहुत ही ठण्ड लग रही थी उधर चोर बड़े मजे से सो रहा था, बहुत देर हो गयी वो आदमी भी नहीं लोटा और चोर भी कही दिखाई दिया, राजा ने सोचा की अब तो सुबह के चार बजे है और लगता भी नहीं है की अब चोर आएगा यही सब सोचकर राजा ने अपने महल में जाने का निश्चय  किया, और महल की और चल दिया.

जैसे ही महल में राजा गुसने लगा तो सिपाहियों ने राजा को पकड़ लिया, राजा ने बहुत शोर मचाया पर उसकी कोई भी बात सिपाही ने नहीं सुनी और सुनते भी क्यों क्योकि उनकी नज़र में तो राजा पहले ही आ चुका है, राजा को पकड़र जेल में बंद कर दिया की जब राजा सो कर उठेंगे तो चोर का फैसला होगा. फेर दे रहे एक सिपाही ने राजा को पहचान लिया और राजा से माफ़ी मागने लगा की हमे माफ़ कर दो हमने आपको पहचाना नहीं और फिर राजा को छोड़ दिया गया उधर चोर ने देखा की सुबह हो गयी है चोर वह से राजा के कपड़ो में ही भाग गया.

राजा ने पूछा की सिपाही ने उन्हें क्यों पकड़ा था तो सिपाही ने बताया की आपकी पोषक में कोई राजा आपके बिस्तर पर लेता है, यहा सुनकर राजा ने जाच की तो पता चला की ये तो वही चोर है जिसे हम ढूढ रहे थे, अब राजा पूरी तरह से थक चुका था और उसकी समझ में आ गया की इस चोर को पकड़ना आसान नहीं है, इस बात का ऐलान किया गया की वो चोर अपने आप ही सामने आ जाये,

hindi story, और सामने आने पर उसे कोई भी सजा नहीं दी जायेगी, बल्कि उसे इनाम देकर छोड़ दिया जायेगा, यहा सुनकर चोर राजा के सामने आ गया और बोला की महाराज में ही वो चोर हू और राजा के सभी हीरे, राजा के कपडे आदि सभी समान राजा को वापिस कर दिए गए और राजा ने भी उसे माफ़ करके एक गाव इनाम में दे दिया और कभी भी चोरी न करने का वादा भी लिया, इस पर चोर ने चोरी न करने का वचन दिया और चोर भी खुसी से रहने लगा और उसने कभी चोरी नहीं की.
written by vaibhav singh

1 comment:

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